कौन हैं सोनिया दुहन जो हरियाणा कांग्रेस के मंच पर बैड टच का हुईं शिकार

घटना हरियाणा के नारनोंद में हुई। जस्सी की रैली में एक आदमी स्टेज पर सरेआम सोनिया दुहन से छेड़खानी कर रहा है। वहीं पास खड़ दूसरा नेता की नजर पड़ती है तो वह उस शख्स का हाथ झटक देता है। दावा किया जा रहा है कि सोनिया दुहन के साथ कई बार धक्कामुक्की भ

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घटना हरियाणा के नारनोंद में हुई। जस्सी की रैली में एक आदमी स्टेज पर सरेआम सोनिया दुहन से छेड़खानी कर रहा है। वहीं पास खड़ दूसरा नेता की नजर पड़ती है तो वह उस शख्स का हाथ झटक देता है। दावा किया जा रहा है कि सोनिया दुहन के साथ कई बार धक्कामुक्की भी की गई। भीड़ में उनके साथ छेड़खानी हुई। सोनिया दुहन शरद पवार की पार्टी में थी लेकिन अब कांग्रेस में है और जस्सी की सगी भतीजी हैं। कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा ने सोनिया दुहन के साथ स्टेज पर हुई बदसलूकी पर कहा, 'मैंने उनसे बात की, वह मुझे बता रही हैं कि उनके साथ वहां छेड़छाड़ की गई... मैंने उनसे इस बात की पुष्टि की है, अगर आज किसी महिला के साथ ऐसा होता है, तो इससे बुरा और निंदनीय क्या हो सकता है। इस पर कार्रवाई होनी चाहिए...'

​21 साल की उम्र में राजनीति में उतरीं​

​21 साल की उम्र में राजनीति में उतरीं​


सोनिया दुहन का जन्म 1992 में हरियाणा के हिसार में हुआ था। सोनिया दुहन ने महज 21 साल की उम्र में ही राजनीति में प्रवेश कर लिया था। हिसार क्षेत्र में अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद सोनिया दुहन अंबाला गईं। अंबाला में पढ़ाई के बाद उन्होंने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया और विज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की।

​पायलट की ट्रेनिंग छोड़कर आईं​

​पायलट की ट्रेनिंग छोड़कर आईं​


कुरुक्षेत्र से सोनिया पायलट की ट्रेनिंग लेने के लिए पुणे गईं। यहां 21 साल की उम्र में ही वह राजनीति में आ गईं। उनकी मुलाकात शरद पवार से हुई और उनसे प्रभावित होकर सोनिया ने एनसीपी जॉइन कर ली। वह एनसीपी के छात्रसंघ का हिस्सा रहीं। पिता की बीमारी के चलते निधन हो गया तो सोनिया दुहन को पुणे में ट्रेनिंग छोड़कर वापस लौटना पड़ा।

​दिल्ली में रहकर एनसीपी संभाली​

​दिल्ली में रहकर एनसीपी संभाली​


पुणे से आने के बाद वह दिल्ली यूनिवर्सिटी से लेकर यूथ NCP की पॉलिटिक्स करने लगीं। सोनिया को शरद पवार ने दिल्ली में NCP हेडक्वार्टर का चार्ज दे दिया। दिल्ली विश्वविद्यालय में हुए दो चुनावों में एनसीपी छात्र शाखा का सफलतापूर्वक नेतृत्व करने के बाद सोनिया दुहन को उस भूमिका के लिए नियुक्त किया गया था।

​एनसीपी ने बनाया अध्यक्ष​

​एनसीपी ने बनाया अध्यक्ष​


पहली बार, उन्होंने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में कार्य किया, और दूसरी बार, उन्होंने राष्ट्रीय महासचिव के रूप में कार्य किया। उन्हें एनसीपी की छात्र शाखा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर पदोन्नत किया गया था।

​पार्टी की रहीं प्रवक्ता भी​

​पार्टी की रहीं प्रवक्ता भी​


सोनिया दुहन पुणे में पायलट की ट्रेनिंग ले रही थीं। इसी दौरान वह एनसीपी के संपर्क में आईं। जब वो 21 साल की थी तो उन्होंने एनसीपी जॉइन की। दुहन की गिनती शरद पवार के करीबियों में होती है। वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में कई साल से सक्रिय हैं। सोनिया ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के दो चुनावों में एनसीपी स्टूडेंट्स विंग का नेतृत्व किया। उन्हें एक बार एनसीपी दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष और फिर राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया। वह एनसीपी की नेशनलिस्ट स्टूडेंट कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रह चुकी हैं।

​एनसीपी के लिए बनी थीं संकटमोचन​

​एनसीपी के लिए बनी थीं संकटमोचन​
सोनिया दुहन सबसे ज्यादा चर्चा में 2019 में आई थीं। उन्होंने गुरुग्राम के ओबरॉय होटल से एनसीपी के चार विधायकों को निकाल लिया था। ये विधायक अजित पवार की बगावत के बाद बीजेपी के साथ जाने की तैयारी में थे। चार विधायकों दौलत दरोदा, नरहरि जिरवाल, नितिन पवार और अनिल पाटिल पर 150 बीजेपी कार्यकर्ता नजर रख रहे थे। इसके बावजूद वो अपने विधायकों को वहां से निकालने में कामयाब रहीं।

​खेती-बाड़ी भी संभालती हैं सोनिया​

​खेती-बाड़ी भी संभालती हैं सोनिया​


सोनिया दुहन ज्यादातर गुरुग्राम में रहती हैं और अधिकतर दिल्ली की राजनीति से जुड़े रहते हैं। हिसार के पेटवाड़ गांव के किसान परिवार से आने वाली सोनिया खेती-बाड़ी भी संभालती हैं। इसके साथ ही गांव और आसपास के इलाके में वह बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने की मुहिम से भी जुड़ी हुई हैं। सोनिया हफ्ते में तीन दिन अपने गांव भी जाती हैं।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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